भारत में मीडिया की स्थिति पर श्वेत पत्र
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया भारत में मीडिया की मौजूदा हालत पर एक श्वेत पत्र तैयार कर रही है। श्वेत पत्र लाने का मकसद भारत में मीडिया की सही तस्वीर पेश करना है। अभी तक किसी के पास मीडिया को लेकर सही आंकडे उपलब्ध नहीं हैं। साथ ही मीडिया में काम करने वाले कर्मचारियों के उत्पीड़न और शोषण पर विस्तृत रिपोर्ट होगी। भारत में कुल 99,660 अखबार और पत्रिकाओं का रजिस्ट्रेशन 31 मार्च 2014 हुआ है। इनमें 13,761 अखबार और 85,899 पत्रिकाएं हैं। सबसे ज्यादा अखबार और मैगजीन हिन्दी में छपते हैं। हिन्दी में कुल 40,159 अखबार-मैगजीन हैं। अंग्रेजी में 13,138 अखबार -मैगजीन हैं। सबसे ज्यादा अखबार-मैगजीन उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड हैं। संख्या है 15,209। महाराष्ट्र 13,375 अखबार-मैगजीन के साथ दूसरे नंबर पर है। देश में लगभग आठ सौ टीवी चैनल हैं और इनमें आधे खबरिया चैनल हैं।
क्या आप जानते हैं भारत में कुल कितने पत्रकार हैं? किस राज्य में कितने पत्रकार है? प्रिंट, इलैक्ट्रानिक और साइबर मीडिया में कितने पत्रकार काम कर रहे हैं? किस तरह के पत्रकार काम कर रहे हैं? पत्रकारों को दिल्ली, राज्यों की राजधानी, मंडल, जिला, तहसील और छोटे शहरों में कितना वेतन मिलता है? उनकी क्या-क्या दिक्कते हैं? कार्यालय में काम करने के दौरान क्या-क्या कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है? कितने घंटे काम करना पड़ता है? रात में काम करने वालों को अतिरिक्त अवकाश मिलते हैं या नहीं? इस तरह के सभी सवालों को लेकर पत्रकारों की तमाम समस्याओं पर एनयूजे की तरफ से एक श्वेत पत्र तैयार करने की योजना बनाई गई है। साथ में भारत में प्रकाशित होने वाले अखबार और पत्रिकाओं की पूरी जानकारी के साथ ही सभी भाषाओं के टीवी चैनलों की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी।
पत्रकारों को तय समय से ज्यादा समय तक काम करना पड़ता है। चैनलों में तो ड्यूटी का कोई समय ही नहीं होता। लगातार रात-दिन काम करने का दुष्प्रभाव पत्रकारों की सेहत पर भी पड़ता है। एक रिपोर्ट है कि पत्रकार कम आयु में ही मधुमेह और अन्य बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। पत्रकारों की औसत आयु भी अन्य व्यवसायों में काम करने के मुकाबले कम है। काम के दौरान होने वाले तनावों के कारण बीमारियों के शिकार होते हैं। पत्रकारों की सेहत की हालत पर श्वेत पत्र में चर्चा होगी।
देश में पत्रकारों पर लगातार हमले हो रहे हैं। इस साल उत्तर प्रदेश में ही चार पत्रकारों की हत्या हुई है। हाल में ही बिहार में एक पत्रकार को सरेआम गोली मारी गई। महाराष्ट्र में भी एक पत्रकार को मारा गया है। कोलकाता में स्थानीय निकाय चुनाव में मतदान की कवरेज कर रहे 20 पत्रकारों पर हमला किया गया। राजनेताओं, प्रशासन, पुलिस और माफिया सरगनाओं के खिलाफ रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर अक्सर इस तरह के हमले होते रहते हैं। भारत में आजादी के बाद पत्रकारों पर हमलों को लेकर विस्तृत रिपोर्ट श्वेत पत्र में पेश की जाएगी। यह अपनी तरह का पहला दस्तावेज होगा।
इस श्वेत पत्र में महिला पत्रकारों की स्थिति पर भी एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी। साथ ही मध्यम और लघु समाचार पत्रों की समस्याओं को लेकर भी रिपोर्ट पेश की जाएगी। यह श्वेत पत्र भारत सरकार, राज्य सरकारों, प्रेस काउंसिल आॅफ इंडिया और अन्य मीडिया संस्थानों को सौंपा जाएगा।
एनयूजे की तरफ से पत्रकारों पर हमले और उनके शोषण के खिलाफ सरकार को कुछ सुझाव भी दिए जाएंगे। इस तरह का यह देश में पहला प्रयास होगा। श्वेत-पत्र तैयार करने के लिए तीन महीने का समय तय किया गया है। इस काम को हमें तेजी से करना है। इसलिए निम्नलिखित सूचना आपसे मांगी गई है, उसे जल्दी से उपलब्ध कराने का कष्ट करेंगे।
रास बिहारी रतन दीक्षित
अध्यक्ष महासचिव
प्रश्नावली
1 राज्य में पत्रकारों की अनुमानित संख्या
2 राज्य में मान्यता प्राप्त पत्रकारों की संख्या
3 राज्य से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों की संख्या
4 राज्य से प्रसारित होने वाले मीडिया चैनलों की संख्या
5 राज्य में महिला पत्रकारों की संख्या
6 राज्य में विगत 5 वर्षों में पत्रकारों पर हमले, हत्या व उत्पीड़न की कितनी घटनाएं हुई
7 राज्य में कितने पत्रकारों को फर्जी मुद्दों का शिकार बनाया गया
8 राज्य में विगत 5 वर्षों में कितने पत्रकारों को प्रबंधन के उत्पीड़न या अन्य किसी कारणों से अपनी सेवा को छोड़ना पड़ा।
9 राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों पर हमलों के खिलाफ की गयी कार्रवाई का स्वरूप प्रभावी कार्रवाई हुई या निष्प्रभावी।
10 राज्य में पत्रकारों पर आरोप भी लगते है क्या? यदि हां तो किस प्रकार के?
11 राज्य में सेवानिवृत पत्रकारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति क्या है?
12 राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों के हित में क्रियान्वित की जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं की संक्षिप्त जानकारी।
13 राज्य के पत्रकारों की प्रमुख समस्यायें तथा प्रमुख मांगे।
14 राज्य में अंशकालिक और पूर्णकालिक पत्रकारों की संख्या -अखबार का नाम, शकालिक पत्रकारों की संख्या, पूर्णकालिक पत्रकारों की संख्या - पूर्ण विवरण सहित
15 क्या आप मानते हैं कि मीडिया में काम कर रहे लोग कम आयु में ही बीमारियों के शिकार होते है। यदि हां तो आपके जानकारों में कितने लोगों को कम आयु में कोई बीमारी हुई। केवल अपने जान-पहचान के लोगों की जानकारी दें। संभव हो तो कुछ साथियों के अनुभव भी दें।
16 छोटे मझोले अखबारों की आर्थिक स्थिति। उनकी समस्याओं का हल किस तरह किया जा सकता है?
17 आपके राज्य में अखबार.चैनल बंद होने से कितने पत्रकार बेरोजगार हुए हैं?
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letter News
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Dear friends
At the National Executive Committee meeting in Kota, the NUJ(I) had decided to take up some issues concerning the journalists boldly and aggressively. A massive demonstration has been planned in New Delhi during the winter session of Parliament demanding enactment of Journalists Protection Act, Constitution of Media Council, Media Commission, better working conditions for journalists etc.
Meanwhile, we have received
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Dear friends,The next executive committee meeting of the Delhi Journalists Association will be held at DJA office on October 31, 2015 at
Friends ,
Another achievement for National Union of Journalists.After facing flak Maharastra Govt withdraws controversial Sedition Circular .NUJ is the first trade union to raise voice against it. In its biennial conference held at Kota of Rajstan recently NUJ made strong plea to withdraw such draconian circular which was totally against
Mr Narendra Modi,Prime Minister of the Republic of India,New Delhi, India.CC:Mr. Syed AkaruddinPermanent Representative of India to the UN –झारखण्ड यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष और राष्ट्रीय खबर के सम्पादक रजत कुमार गुप्ता का यह संपादकीय पढ़ें। पत्रकारों की पीड़ा को बहुत सशक्त तरीके से सामने रखा है।
भारत में मीडिया की स्थिति पर श्वेत पत्र
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया भारत में मीडिया की मौजूदा हालत पर एक श्वेत पत्र तैयार कर रही है। श्वेत पत्र लाने का मकसद भारत में मीडिया की सही तस्वीर पेश करना है। अभी तक किसी के पास मीडिया को लेकर सही आंकडे उपलब्ध नहीं हैं। साथ ही मीडिया में काम करने वाले
साथियो
आप सभी को दिवाली की बहुत बहुत शुभकामनाएं
जैसा कि आप जानते हैं कि नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) 7 दिसम्बर 2015 को संसद पर अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन करेगा। सभी राज्य इकाइयों से राज्य और जिला स्तर पर आंदोलन करने की अपील की गई है। सभी जिलों में जिला अधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजे। साथ ही
February 16, 2016Dear colleagues,Please refer to our previous communication dated February 9 regarding next National Executive Committee Meeting of National Union of Journalists (India) scheduled to be held at Shravasti in Uttar Pradesh from April 23 to 24, 2016.In continuance of the message, I wish to give further information that the host unit has informed to receive the members fromReport of Digital Media Campaign by NUJ(I)We are extremely delighted to report that the Digital Media Campaign for enactment of a law for the protection of journalists in India carried out by the NUJ(I) from November 29, 2015 to January 14, 2016 turned out to be a massive exercise with terrific success.Not only a large number of members of theURGENT URGENT URGENTDEAR FRIENDOUR SENIOR MEMBER AND VETERAN JOURNALIST SHRI ANOOP BHATNAGAR IS SERIOUSLY FACING KIDNEY PROBLEM AND IS ADMITTED IN THE AIIMS KTP WARD 7TH FLOOR, NEW DELHI.