हिन्दी दैनिक नवदुनिया एमपी नगर, प्रेस काम्प्लेक्स, जिसका स्वामित्व जागरण प्रबंधन

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जुलाई 14, 2020

श्री शिवराज सिंह pkSgku,

माननीय मुख्यमंत्री,

मध्यप्रदेश सरकार,

भोपाल।

माननीय शिवराज जी,

नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और इससे संबद्ध राज्य इकाइयां इस पत्र के माध्यम से देशभर के पत्रकारों की दयनीय हालत की ओर आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहते हैं। कोरोना महामारी के प्रकोप से प्रदेशवासियों को बचाने के लिए आपके निर्देश पर जारी लॉकडाउन के दौरान डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों की तरह ही मीडियाकर्मी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। कई स्थानों पर सुविधाओं के अभाव में अखबार और चैनल को जनता को महामारी से बचने के उपायों की जानकारी देने के साथ ही तमाम सूचनाएं उपलब्ध करा रहे हैं। कोरोना महामारी से देशवासियों को बचाने और उपचार के तरीके बताने में मीडिया ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हम आपका ध्यान भोपाल से प्रकाशित हिन्दी दैनिक नवदुनिया एमपी नगर, प्रेस काम्प्लेक्स, जिसका स्वामित्व जागरण प्रबंधन के पास है, द्वारा किए जा रहे एक निंदनीय और घृणित कार्य की ओर दिलाना चाहते हैं नवदुनिया के परिसर में उसके लगभग दर्जनभर कर्मचारी कोरोना पाजिटिव पाये गये और जब भोपाल स्वास्थ्य विभाग के लोग परिसर को सील करने हेतू पहुंचे तो प्रबंधन ने उन्हें म्रध्यप्रदेश सरकार के गृहमंत्री की धमकी देकर परिसर से भगा दिया।  प्रबंधन ने अपने जिद के कारणी सभी कर्मचारियों को काम पर आने आदेश दिए। इसका नतीजा यह हुआ कि पूरे परिसर में कोरोना महामारी फैल गई और लगभग 80 कर्मचारियों कोरोना सवंमित हो चुके है। जागरण प्रबंधन की हठधर्मी से कर्मचारियों के प्राण संकट में पड़ गये है। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और उसकी संबंद्ध राज्य इकाई जर्नलिस्ट्स यूनियन आॅफ मध्यप्रदेश (जम्प) आपसे अनुरोध करती है जागरण पं्रबंधन के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। कर्मचारियों के प्राणों को संकट में डाल कर केवल अपने लाभ के लिए जागरण प्रंबधन ने इतना घोर पाप किया। यदि किसी कर्मचारी की मौत हुई तो इसकी जिम्मेदारी भी जागरण प्रबंधन की ही तय होनी चाहिए.

मुख्यमंत्री जी आपके संज्ञान में हमने सरकारों की तरफ से डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य कर्मचारियों के लिए कोरोना महामारी के प्रकोप में जान जाने पर 50 लाख का बीमा देने की बात बताई थी। हम आपसे पुनः अनुरोध इन हालत में जान गंवाने वाले पत्रकारों के लिए 50 लाख बीमा घोषित की जाए, और ईलाज मुफ्त में किया जाए।

आशा है कि आप हमारे निवेदन पर ध्यान देंगे।

सादर

रासबिहारी

अध्यक्ष