एनयूजे के बढ़ते कदम

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नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) राष्ट्रीय परिषद अधिवेशन, 25,26,27 नवंबर 2011,खेलगांव, रांची में प्रस्तुत महासचिव की रिपोर्ट नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के मानेसर में आयोजित १६वें द्विवार्षिक अधिवेशन के बाद संगठन को सक्रिय रखने और विस्तार करने को लेकर लगातार कोशिश हो रही है। ख़ासतौर पर मजीठिया वेतन आयोग की केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई सिफारिश में एनयूजे की बड़ी भूमिका रही है। इसका श्रेय एनयूजे के पूर्व अध्यक्ष श्री राजेंद्र प्रभु और डॉ॰नंदकिशोर त्रिखा की बड़ी भूमिका रही है। हम सब इस कार्य के लिए उनके आभारी हैं। एनयूजे ने वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ने के लिए कन्फेडरेशन ऑफ न्यूजपेपर इम्पलाइज यूनियन के महासचिव एम एस यादव का भी आभार जताया है। एनयूजे की तरफ से कन्फेडरेशन को पांच हजार की सहायता भी दी गई। ७६ वर्ष की आयु में बीमार रहते हुए श्री प्रभु ने देर रात काम करते हुए एनयूजे की रिपोर्ट तैयार की।एनयूजे द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट मजीठिया आयोग की सिफारिश का मुख्य आधार बनी हैं। श्री प्रभु ने ही कन्फेडरेशन की तरफ से प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह के सामने प्रेजेन्टेशन दिया। सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर होने पर श्री प्रभु ने ही पूरी कमान संभाली। इसी तरह डॉ॰त्रिखा ने वेतन आयोग की सुनवाई के दौरान जिस तरह पत्रकार संगठनों की पक्ष रखवाया, उससे मजीठिया आयोग की रिपोर्ट में पत्रकारों का कुछ ध्यान रखा गया। हालांकि वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर एनयूजे को एतराज है। वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार करने में दिल्ली के कई साथियों ने पूरा सहयोग दिया। प्रेस परिषद -यह हमारे लिए हर्ष का विषय है कि भारतीय प्रेस परिषद में दस साल बाद एनयूजे को प्रतिनिधित्व मिला है। हमारे वरिष्ठ नेता उपल्ला लक्षमण प्रेस परिषद के सदस्य बने हैं। यह भी हमारी एक बड़ी उपलिब्ध है। प्रेस परिषद में एनयूजे के फिर से शामिल कराने के लिए श्री महेश्वर दयालु गंगवार, मनोहर सिंह, सुभाष निगम और मनोज वर्मा का विशेष सहयोग रहा। प्रेस परिषद में अगली बार हम अपने सदस्यों की संख्या बढ़ाने की रणनीति पर काम करेंगे। दिल्ली में २४ अप्रेल को वेज बोर्ड को लेकर आयोजित धरने में पूर्व अध्यक्ष डा.एन के त्रिखा, राजेन्द्र प्रभु, एनयूजे महासचिव रासविहारी,कोषाध्यक्ष मनोहर सिंह और डीजेए के अध्यक्ष मनोज वर्मा, महासचिव अनिल पांडेय की अगुवाई में दिल्ली के साथियों ने शिरकत की। पश्चिम बंगाल, झारखंड और कर्नाटक में भी वेज बोर्ड को लेकर प्रदर्शन किए गए। एनयूजे के मानेसर में आयोजित १६वें द्विवार्षिक अधिवेशन के बाद कई राज्य इकाइयों के संगठन चुनाव हुए हैं। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और ओडिसा इकाई के संगठन चुनाव हुए हैं। ओडिसा के भुवनेश्वर में जनवरी २०११ में आयोजित वार्षिक अधिवेशन में लगभग सात सौ सदस्यों ने हिस्सा लिया। अधिवेशन में बाबा रामदेव और एनयूजे महासचिव रासविहारी ने सदस्यों को संबोधित किया। रांची में एनयूजे झारखंड के जनवरी में आयोजित अधिवेशन में मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा मुख्य अतिथि ते तौर पधारे और एनयूजे अध्यक्ष प्रज्ञानंद चौधरी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम बहुत सफल रहा। झारखंड में अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। उत्तराखंड इकाई की तरफ से इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। हरिद्वार में गणेश शंकर विद्यार्थी जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष हरवंश कपूर, प्रतिपक्ष के नेता हरक सिंह रावत, मंत्री मदन कौशिक, एनयूजे महासचिव रासविहारी, एनयूजे सचिव ब्रह्मदत्त शर्मा आदि ने संबोधित किया। इस कार्यक्रम के अलावा कुछ अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने आगरा में एनयूजे के आचार संहिता का मसौदा जारी करने की ३० साल पूरे होने पर प्रेस और मीडिया की विश्वसनीयता कैसे कायम रहे पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।संगोष्ठी में देश के दिग्गज पत्रकार इकट्ठे हुए थे। प्रेस और मीडिया की विश्वसनीयता कैसे कायम रहे। इसमें हो रहे क्षरण को कैसे रोका जाए? क्या मीडिया की विश्वनीयता घटने के लिए केवल पत्रकार जिम्मेदार हैं? ये मुद्दे यहां आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में उठे। संगोष्ठी का आयोजन यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) ने पत्रकारों के आगरा घोषणा पत्र को 30 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया था। संगोष्ठी में देश के दिग्गज पत्रकार इकट्ठे हुए थे।एडिटर्स गिल्ड आफ इण्डिया के पूर्व चेयरमैन और ट्रिब्यून के पूर्व प्रधान सम्पादक ने हरि जयसिंह ने संगोष्ठी में पत्रकारों के एथिकल रहने की परिस्थितियों का विश्लेषण किया। एनयूजे के पूर्व अध्यक्ष डा.एन के त्रिखा, श्री अच्युतानंद मिश्र. श्री राजेन्द्र प्रभु, श्री पी के राय आदि ने संबोधित किया। दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के विशेषांक का विमोचन राज्यसभा के उपसभापति के रहमान खान ने अपने आवास पर किया। डीजेए की तरफ कुछ अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। डीजेए की मेजबानी में एनयूजे के पदाधिकारियों और वरिष्ठ साथियों की एक बैठक दिल्ली में आयोजित की गई। इस अवसर दिल्ली के प्रमुख साथी उपसि्थत थे्। राजस्थान में जार की गतिविधि लगातार बढ़ रही है। कई जिलों में सगंठन की इकाई का गठन किया गया है। मध्य प्रदेश में जम्प की गतिविधियां भी लगातार जारी हैं। # एनयूजे के आह्वान पर पत्रकारों की हत्या के खिलाफ और जर्नलिस्ट्स प्रोटेक्शन एक्ट बनाने की मांग को लेकर ज्यादातर राज्यों में धरना-प्रदर्शन हुए। २५ जून को दिल्ली में जंतर-मंतर पर सैंकड़ों पत्रकारों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया। उत्तर प्रदेश के लखनऊ के अलावा कई जिलों में प्रदर्शन किए गए। झारखंड में रांची में बड़ा प्रदर्शन किया गया। ओडिसा, पश्चिम बंगाल, बिहार आदि राज्यों में प्रदर्शन किए गए और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया। पाकिस्तान के पत्रकार सलीम शहजाद की हत्या के खिलाफ एनयूजे और डीजेए की तरफ से दिल्ली में पाक उच्चायोग के सामने प्रदर्शन कर उच्चायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया। डीजेए की तरफ से मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के सहयोग से पत्रकारों के लिए आपदा प्रबंधन और मीडिया को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डा. अशोक वालिया ने किया। एनयूजे-डीजेए और अनुभूति संस्था की तरफ २३ जुलाई को एक मुशायरे का आयोजन भी किया गया। सभी राज्य इकाइयों की गतिविधियां जारी हैं। सदस्यों की संख्या भी बढ़ रही है। दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन, वेस्ट बंगाल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ मध्य प्रदेश, जर्नलिस्टस एसोसिएशन ऑफ राजस्थान हरियाणा यूनियन जर्नलिस्ट्स, एनयूजे बिहार, झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, ओडिसा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, छ्तीसगढ़ जर्नलिस्ट्स यूनियन, चंडीगढ़ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन में राज्य कार्यकारिणी की बैठकों का आयोजन किया गया। जार के राज्य सम्मेलन में एनयूजे महासचिव के अलावा डीजेए अध्यक्ष मनोज वर्मा और कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती उषा पाहवा ने हिस्सा लिया। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों में नए सदस्य बनाने के लिए अभियान भी चलाया गया। असम और गुजरात में गतिविधियां बढ़ने के संकेत मिले हैं। मानेसर अधिवेशन के बाद अप्रैल में विजयवाड़ा और जुलाई में उज्जैन में कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन किया गया। उज्जैन कार्यकारिणी की बैठक के बाद कई राज्य इकाइयों ने कार्यक्रमों का आयोजन किया है। दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन और जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने अपने सदस्यों के लिए बीमा योजना शुरू की है। जार की कार्यकारिणी का बैठक का हाल ही में दौसा में आयोजन किया गया। जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ असम और त्रिपुरा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने आमसभा की बैठक का आयोजन किया। रासविहारी महासचिव एनयेज (आई)