पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए एनयूजे हर संघर्ष को तैयार : रास बिहारी - नेशनल रजिस्टर फॉर जर्नलिस्ट्स बनाने का प्रस्ताव पारित किया

National Union of Journalist(I)
  • Phone +91 - 9548020874
  • Email NUJINDIA@GMAIL.COM
  • Our Aim Believe in Constitution
  • Since Year 1950

नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया की दो दिवसीय राष्ट्रीय  कार्यसमिति बैठक रविवार को सम्पन्न हुई।     

एनयूजेआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रासबिहारी के नेतृत्व में आयोजित बैठक में पत्रकार सुरक्षा कानून, देश के मीडिया संस्थानों पर बढ़ती पाबंदी, कोरोना महामारी से मीडिया संस्थानों पर आर्थिक संकट व पत्रकारों की छंटनी से बढ़ती बेकारी, नए श्रम कानूनों का मीडिया पर प्रभाव, डिजिटल मीडिया पॉलिसी लागू करने, छोटे व मंझोले समाचार पत्रों को विज्ञापन दायरा बढ़ाने,  नेशनल रजिस्टर फॉर जर्नलिस्ट्स बनाने, पत्रकारों को वेजबोर्ड का फायदा दिलवाने के कानूनी पहलुओं पर चर्चा की गई। रास बिहारी ने कहा कि इन मुद्दों के समाधान के लिए केंद्र सरकार और राज्यों की सरकारों को ज्ञापन दिए जाएंगे। मिशन पत्रकारिता और अपने हकों के लिये पत्रकारों को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। बैठक में पत्रकारिता को बदनाम करने वाले लोगों पर लगाम लगाने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाने और फर्जी पत्रकारों को रोकने के लिए नेशनल रजिस्टर फॉर जर्नलिस्ट्स बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। 

बैठक में दौसा की सांसद जसकौर मीना, राजस्थान मानवाधिकार आयोग के सदस्य महेश चंद्र शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव प्रसन्ना मोहंती, राष्ट्रीय संगठन सचिव एवं प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य आनंद राणा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप तिवारी, जार राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शर्मा, महासचिव संजय सैनी, प्रदेश सचिव महेश बालाहेड़ी, दिल्ली पत्रकार संघ के अध्यक्ष राकेश थपलियाल के अलावा देशभर से आये पत्रकारों ने अपने विचार रखे।

एनयूजेआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा, कि आज पत्रकारों के सामने अपने वजूद को बचाये रखने की चुनौती है। पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया आयोग, मीडिया काउंसिल के गठन के लिए हम पिछले कई सालों से संघर्ष कर रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान अखबारों से हजारों पत्रकारों व डेस्क कर्मचारियों की छंटनी के विरोध में एनयूजेआई ने दिल्ली में तीन विरोध प्रदर्शन हुए। वेतन कटौती, छंटनी, पत्रकारों पर हमले, कोरोनकाल में फर्जी मुकदमे दर्ज करने के खिलाफ संगठन ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विरोध किया। पत्रकारों को अपने हक के लिए सड़क पर लड़ाई करनी होगी। अगर हम चुप बैठे रहे तो पत्रकारों व पत्रकारिता को बंधक बनाने का षड्यंत्र कामयाब हो जाएगा।  प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य आनंद राणा ने कहा कि काउंसिल ने पत्रकारों के स्वास्थ्य बीमा एवं डॉक्टरों की तर्ज पर कोरोना योद्धा के तहत आर्थिक मदद एवं सुविधाएं मुहैया करवाने की सिफारिश भारत सरकार और राज्य सरकारों से की है। पत्रकारों पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं। पुलिस फर्जी मुकदमे दर्ज करके पत्रकारों को भयभीत कर रही है। ईमानदार व निष्पक्ष पत्रकारों को डराने की कोई भी कोशिश सहन नहीं कि जाएगी।