दिल्ली के पत्रकार प्रवीण तिवारी पर पश्चिम बंगाल की पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया, दो नोटिस भेजे एनयूजे ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से दखल की मांग की

National Union of Journalist(I)
  • Phone +91 - 9548020874
  • Email NUJINDIA@GMAIL.COM
  • Our Aim Believe in Constitution
  • Since Year 1950

प्रेस विज्ञप्ति

 

दिल्ली के पत्रकार प्रवीण तिवारी पर पश्चिम बंगाल की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कियादो नोटिस भेजे

एनयूजे ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से दखल की मांग की

केंद्रीय गृहमंत्री से भी दखल देने की मांग

नई दिल्ली, 29 जुलाई 2020। दिल्ली में प्रिंट और इलैक्ट्रानिक मीडिया से जुड़े पत्रकार डा.प्रवीण तिवारी पर पश्चिम बंगाल के बेलियाघाटा थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। किसी व्यक्ति ने उन पर पर सोशल मीडिया में एक रिपोर्ट पोस्ट करने पर पश्चिम बंगाल सरकार की छवि बिगाड़ने का आरोप लगाया है। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स- इंडिया ने पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन में नोटिस भेजने पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी को पत्र भेजा है। पत्रकार पर बेवजह मुकदमा दर्ज करना मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला है।

एनयूजे-आई के अध्यक्ष रास बिहारी ने बताया कि कई टीवी चैनलों के काम कर चुके पत्रकार डा.प्रवीण तिवारी को दो बार नोटिस भेजकर बेलियाघाटा थाना बुलाया गया है। डा.तिवारी ने कई पुस्तकें भी लिखी हैं। सहारा समय, à¤Ÿà¥€à¤µà¥€ 18, à¤²à¤¾à¤‡à¤µ इंडिया चैनलों में काम चुके तिवारी का हाल ही में गॉल ब्लेडर का आपरेशन हुआ है। पश्चिम बंगाल पुलिस लॉकडाउन के दौरान आने-जाने पर लगे प्रतिबंध के बावजूद उन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुला रही है।

रास बिहारी ने बताया कि इस बारे में केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह को भी भेजा गया है। उन्होंने बताया कि पिछले महीने कोलकाता के दो प्रमुख बंगाली अखबारों के संपादकों को भी पुलिस ने नोटिस भेजा था। आनंदबाजार पत्रिका के संपादक ने तो पूछताछ का नोटिस देने पर इस्तीफा दे दिया था। 29 जून 2020 को आरामबाग टीवी के मालिक व पत्रकार शेख शफीकुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया था। उनकी पत्नी अलीमा खातून और चैनल में काम करने वाले पत्रकार सूरज अली खान को भी गिरफ्तार किया गया था। चैनल का दावा था कि कोरोना महामारी के बीच सरकार ने जिन विभिन्न क्लबों को पैसा देने का दावा किया है, à¤µà¥‹ वास्तविकता में अस्तित्व में ही नहीं है। इस खुलासे के बाद शफीकुल के ख़िलाफ़ कई एफआईआर दर्ज हुई थी।

मनमोहन लोहानी  कार्यालय सचिव