पत्रकारों की हत्या और उत्पीड़न के खिलाफ एनयूजे का विरोध मार्च

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पत्रकारों की हत्या और उत्पीड़न के खिलाफ एनयूजे का विरोध मार्च

पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया काउंसिल, मीडिया कमीशन के गठन की मांग

नेशनल जर्नलिस्ट्स रजिस्टर बनाने की मांग

नई दिल्ली। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स संबंद्ध नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी और मध्यप्रदेश में निवाड़ी में पत्रकार सुनील तिवारी की हत्या के खिलाफ प्रेस क्लब से प्रधानमंत्री कार्यालय तक मार्च निकाला। संगठनों की तरफ से पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया काउंसिल और मीडिया कमीशन के गठन के साथ ही पत्रकारों का उत्पीड़न, जबरन छंटनी, वेतन में कटौती और छोटे और मध्यम अखबारों की समस्याओं को दूर करने की मांग की गई।

एनयूजे-आई के अध्यक्ष रास बिहारी की अगुवाई में प्रेस निकाले से शुरु हुए मार्च को पुलिस ने प्रधानमंत्री कार्यालय से पहले की रोक लिया। विरोध मार्च को एनयूजे अध्यक्ष रास बिहारी, दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश थपलियाय, महासचिव के पी मलिक, उपाध्यक्ष कुमार पंकज, सुजान सिंह, एनयूजे की पूर्व कोषाध्यक्ष सीमा किरण ( बाकी नाम शामिल करने हैं)  

संगठन के नेताओं ने कहा कि जोशी और तिवारी की हत्या पुलिस में सुरक्षा मांगने के बावजूद की गई। मध्यप्रदेश के पत्रकार तिवारी ने दो महीने पहले अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई गई थी। इससे पहले कानपुर में बालू माफिया का पर्दाफाश करने पर पत्रकार शलभमणि तिवारी की हत्या कर दी गई थी।

एनयूजे अध्यक्ष ने कहा कि पत्रकारों पर बढ़ते हमले, फर्जी मुकदमे और फर्जी पत्रकारों की बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून और राष्ट्रीय पत्रकार रजिस्टर बनाने की आवश्यकता है। प्रेस काउंसिल की ताकत बढ़ाने और इलैक्ट्रानिक मीडिया को दायरे में लाने के लिए मीडिया काउंसिल बनाने की आवश्यकता है।

डीजेए अध्यक्ष राकेश थपलियाल ने कहा कि पत्रकारों पर हमले रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार तुरंत प्रभावी कदम उठाएं। डीजेए महासचिव के पी मलिक ने कहा कि पत्रकारों की हत्या से कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति सामने आई है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पत्रकारों का सामने बड़ा आर्थिक संकट पैदा हो गया है। एनयूजे की वरिष्ठ नेता सीमा किरण ने कहा कि कई स्थानों पर कवरेज के दौरान भी महिला पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार की शिकायतें बढ़ रही है। सरकार को इस ओर देने की जरूरत है।