नई दिलà¥à¤²à¥€à¥¤''पà¥à¤°à¥‡à¤¸ की आजादी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रखनी है तो पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रहना चाहिà¤à¥¤'' यह बात गत 22 नवंबर को नई दिलà¥à¤²à¥€ में आयोजित à¤à¤• संगोषà¥à¤ ी में नेशनल यूनियन ऑफ जरà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤¸ के पूरà¥à¤µ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· डॉ. नंदकिशोर तà¥à¤°à¤¿à¤–ा ने कही। इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आयोजन दिलà¥à¤²à¥€ जरà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤¸ à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤¶à¤¨ ने किया था और विषय था- 'पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ अधिनियम और मीडिया आयोग की जरूरत।'
अपने संबोधन में डॉ. तà¥à¤°à¤¿à¤–ा ने पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° और पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ के गौरवपूरà¥à¤£ इतिहास पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला। इसके साथ ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मीडिया के वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ परिदृशà¥à¤¯ पर चिंता जताते हà¥à¤ कहा कि आज जितनी मीडिया की दयनीय और पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की असहाय सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है, à¤à¤¸à¥€ पूरà¥à¤µ में नहीं रही। संपादक संसà¥à¤¥à¤¾ की साख गिरी है। पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° आजादी खो चà¥à¤•à¤¾ है और वहीं, मालिक मजबूत हो रहा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने चिंता पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करते हà¥à¤ कहा कि पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ पर जानलेवा हमले बढ़ते जा रहे हैं। यह पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° ही नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ समाज के लिठà¤à¥€ खतरे की घंटी है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° समाज के लिठकाम करता है।
डॉ. तà¥à¤°à¤¿à¤–ा ने तीसरे पà¥à¤°à¥‡à¤¸ आयोग के गठन पर बल देते हà¥à¤ कहा कि 1952 में पहला पà¥à¤°à¥‡à¤¸ आयोग बना और आपातकाल के बाद दूसरा। तब से सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ काफी बदली है। पà¥à¤°à¤¿à¤‚ट व रेडियो के साथ-साथ इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤¨à¤¿à¤• और वेबमीडिया का विसà¥à¤¤à¤¾à¤° हà¥à¤† है। अब फिर से इन सà¤à¥€ मीडिया माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पर विचार करना होगा।
नेशनल यूनियन ऑफ जरà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤¸ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ रासबिहारी ने कहा कि आज समाज में पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° सबसे शोषित है। पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ पर लगातार हमले हो रहे हैं और जिस तरह से अखबारों और टीवी चैनलों में पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की छंटनी हो रही है, उससे पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ पर अनिशà¥à¤šà¤¿à¤¤à¤¤à¤¾ के बादल मंडरा रहे हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ अधिनियम, मीडिया आयोग और मीडिया परिषदॠकी मांग को लेकर आगामी 7 दिसंबर को देशà¤à¤° के पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° संसद का घेराव करेंगे।
पà¥à¤°à¥‡à¤¸ à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤¶à¤¨ के सचिव शà¥à¤°à¥€ मनोज वरà¥à¤®à¤¾ ने कहा कि उतà¥à¤¤à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, पं. बंगाल, दिलà¥à¤²à¥€ जैसे अनेक राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का शोषण और उतà¥à¤ªà¥€à¤¡à¤¼à¤¨ किया जा रहा है। यह दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° नहीं बचेगा तो लोकतंतà¥à¤° नहीं बचेगा। आपातकाल में कोशिश की गई थी पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को दबाने की। à¤à¤¨à¤¯à¥‚जे ने तब संघरà¥à¤· किया। हम लंबे समय से पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ अधिनियम की मांग कर रहे हैं। हम बहà¥à¤¤ मांग कर चà¥à¤•à¥‡, अब आंदोलन ही रासà¥à¤¤à¤¾ है।
दिलà¥à¤²à¥€ जरà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤¸ à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤¶à¤¨ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ अनिल पांडेय ने राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤µà¤‚ वैशà¥à¤µà¤¿à¤• परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ में पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का अवलोकन करते हà¥à¤ कहा कि आज पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° अनेक तरह की चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ का सामना कर रहा है। उन पर जानलेवा हमले हो रहे हैं। बड़े पैमाने पर उनकी छंटनी हो रही है। इसलिठसमगà¥à¤° मीडिया का मूलà¥à¤¯à¤¾à¤‚कन करने के लिठतीसरा पà¥à¤°à¥‡à¤¸ आयोग अतिशीघà¥à¤° बनना चाहिà¤à¥¤
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का संचालन दिलà¥à¤²à¥€ जरà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤¸ à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤¶à¤¨ के कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¤¿à¤£à¥€ सदसà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€ संजीव सिनà¥à¤¹à¤¾ ने किया। इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में à¤à¤¨à¤¯à¥‚जे के पूरà¥à¤µ उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ सà¥à¤à¤¾à¤· निगम, à¤à¤¨à¤¯à¥‚जे के कोषाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ दधिबल यादव, à¤à¤¨à¤¯à¥‚जे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤£à¥€ सदसà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€ मनोहर सिंह, डीजेठके कोषाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ राजेंदà¥à¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€, डीजेठकारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤£à¥€ सदसà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ सीमा किरण à¤à¤µà¤‚ सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥€ संजय सकà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾, राजकमल चौधरी, सगीर अहमद, वरिषà¥à¤ टीवी पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° शà¥à¤°à¥€ उमेश चतà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦à¥€, योजना पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ के संपादक शà¥à¤°à¥€ ऋतेश पाठक, यथावत पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ के à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤Ÿ संपादक शà¥à¤°à¥€ बà¥à¤°à¤œà¥‡à¤¶ à¤à¤¾, अंकà¥à¤° विजयवरà¥à¤—ीय (हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ टाइमà¥à¤¸), उमाशंकर मिशà¥à¤° (अमर उजाला), पंकज पà¥à¤°à¤¸à¥‚न (नà¥à¤¯à¥‚ज नेशन), शà¥à¤°à¥€ कंत शरण (नेपालवन टीवी) सहित बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤—ण उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।