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letter to Chief Minister, Uttar Pradesh

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10-06-2020

 

माननीय योगी आदित्यनाथ जी

मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

लखनऊ।

आदरणीय योगीजी,

नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन इस पत्र के माध्यम से आपका ध्यान उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में समाचार प्रकाशित करने पर पत्रकारों की गिरफ्तारी और मुकदमे दर्ज करने की तरफ दिलाना चाहते हैं। कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस और प्रशासन और अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की तरह ही मीडियाकर्मी अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। अखबार और चैनल जनता को महामारी से बचने के उपायों की जानकारी देने के साथ ही तमाम सूचनाएं उपलब्ध करा रहे हैं। कोरोना महामारी से देशवासियों को बचाने और उपचार के तरीके बताने में मीडिया ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मीडियाकर्मी अपने दायित्व का निर्वाह करते हुए प्रशासनिक खामियों को सरकार और जनता के सामने लाते हैं ताकि समय रहते हुए सुधार किया जा सके। हैरानी की बात है कि कई जिलों में प्रशासनिक अधिकारी अपनी कमियों को उजागर होने पर मीडियाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। मीडियाकर्मियों को समाचार लिखने या दिखाने पर मुकदमा दर्ज किए जा रहे हैं। कई जिलों में पत्रकारों ने अपना विरोध भी दर्ज कराया है। सीतापुर के पत्रकार रविंद्र सक्सेना पर महोली तहसील में होम क्वारंटाइन किए गए लोगों को प्रशासन द्वारा दुर्गंध व फफूंदीयुक्त चावल देने का समाचार जारी करने पर मुकदमा दर्ज किया गया। कानपुर में होमगार्ड के जवानों की समस्याओं की खबर प्रकाशित करने पर मीडिया ब्रेक’ वेबसाइट के संपादक आशीष अवस्थी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। फतेहपुर में जिला प्रशासन के उत्पीड़न के विरोध में पत्रकारों ने गंगा नदी में उतरकर जल सत्याग्रह किया। अजय भदौरिया ने ट्वीट किया था कि विजयपुर का सामुदायिक रसोईघर बंद हो गया है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। लॉकडाउन के दौरान गरीबों के लिए चलाई जाने वाली कम्युनिटी किचन बंद होने की खबर के लिए भदौरिया व अन्य के खिलाफ जिला प्रशासन ने आईपीसी की 505, 385, 188, 270 व 269 धारा के तहत मुकदमा दर्जकर आपराधिक षड्यंत्र की धारा 120बी भी लगा दी है। कुछ जिलों में अन्य पत्रकारों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं।

माननीय योगीजी, लॉकडाउन के दौरान गाजियाबाद और नोएडा समेत कई स्थानों पर उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों का व्यवहार भी बहुत खऱाब है। अपनी लापरवाही उजागर होने के कारण ही अधिकारी मीडियाकर्मियों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे प्रकरणों से आपकी लोकप्रिय सरकार की छवि को धक्का पहुंचा है।

हमारा अनुरोध है कि अपना कर्तव्य निभाने वाले पत्रकारों के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाए।

आशा है आप हमारे अनुरोध पर कार्रवाई करेंगे।

 

धन्यवाद सहित।

                                                              

रास बिहारी                                                                             रतन दीक्षित

अध्यक्ष                                                                                  अध्यक्ष

नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया                               उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन



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